नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया कोरोना वायरस के टीके का काफी लंबे समय से इंतजार कर रही थी। कई देशों ने कोरोना वैक्सीन को लेकर घोषणा की है। कई देशों में तो कोरोना वैक्सीन के टीके लगने भी शुरू हो गए है। भारत में भी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद तेजी से वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया पर कार्य होने लगा है।

भारत में कोरोना वैक्सीन का टीका सबसे सस्ता
लेकिन देखने में आया है कि कोरोना वैक्सीन के मूल्य में काफी ज्यादा अंतर है। भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 110 लाख डोज 200 रुपए प्रति डोज खरीदने का करार किया है, जबकि भारत बायोटेक से 55 लाख डोज खरीदने का समझौता किया गया है। भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 38 लाख डोज 296 रुपए प्रति डोज के हिसाब से खरीदी गई है, जबकि जानकारी के अनुसार कंपनी ने 16.50 लाख डोज मुफ्त में देने का फैसला किया है। इसका अर्थ है कि 55 लाख डोज की कीमत 206 रुपए प्रति डोज के हिसाब से पड़ेगी।
दुनिया के दूसरे देशों में क्या है कीमत
अगर हम दुनिया दूसरे देशों से तुलना करें तो भारत की वैक्सीन की कीमत काफी सस्ती है। फाइजर की वैक्सीन की कीमत प्रति डोज भारतीय मुद्रा के हिसाब से अंदाजा लगाए तो यह 1400 रुपए से अधिक की पड़ती है। एक व्यक्ति को दो डोज लगाने पर ही दवाई काम करेगी इस हिसाब से देखे तो दो डोज टैक्स कीमत छोडकर भी 2800 रुपए की होगी।
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वहीं दूसरी ओर मॉर्डना की वैक्सीन की कीमत 2300 रुपए से लेकर 2700 रुपये प्रति डोज की कीमत पर लोगों को उपलब्ध होगी। इसके अलावा सबसे महंगी साइनोफार्म चाइना की वैक्सीन की कीमत देखने में आई है । इसकी कीमत 5600 रुपए प्रति डोज है, साइनोवैक भी चाइनीज वैक्सीन है, जिसकी कीमत 1000 रुपए से अधिक प्रति डोज पड़ेगी। इसके अलावा नोवावैक की कीमत 1114 रुपए है तो स्पूतनिक वी की कीमत रूप और दूसरे अन्य देशों में 734 रुपए प्रति डोज है। जॉनशन और जॉनशन की कीमत भी 734 रुपए प्रति डोज है।
कितने डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करना है।
फाइजर के वैक्सीन को -70 डिग्री टेंपरेचर पर स्टोर करना होता है, जबकि मॉर्डना की वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करना होता है।